
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कप्तानी का पद किसी भी खिलाड़ी के लिए सम्मान के साथ-साथ एक भारी ज़िम्मेदारी है। 4 अक्टूबर 2025 को BCCI ने आधिकारिक रूप से शुबमन गिल को भारतीय ODI टीम का कप्तान घोषित किया। यह निर्णय खिलाड़ियों, पंडितों और प्रशंसकों दोनों के बीच चर्चा का विषय बन गया।गिल ने पहले भी कई मैचों में संयम और धैर्य प्रदर्शित किया है, लेकिन कप्तानी में वो न सिर्फ रणनीति बनाएँगे, बल्कि दबाव को बारीकी से संभालने की क्षमता भी दिखाएँगे। उनकी टीम के सामने चुनौतियाँ बड़ी हैं — गेंदबाजी संतुलन बनाए रखना, अनुभवी खिलाड़ियों और नई प्रतिभाओं को संतुलित चयन देना, और घरेलू व विदेशी दोनों तरह के ट्रैक पर सफलता की राह पर खड़े होना।विश्लेषकों का मानना है कि गिल को विशेष समर्थन मिलेगा, लेकिन उन पर सबसे बड़ी परीक्षा ऑस्ट्रेलिया दौरे पर होगी — वहाँ की परिस्थितियाँ हर भारतीय कप्तान को कठिन लगती हैं। अगर गिल सफल होते हैं, तो भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत होगी — जहाँ युवा, सोचशील और निर्णायक नेतृत्व साथ-साथ चले।परंतु जोखिम भी कम नहीं है। टीम को हार के समय उठाना, मीडिया प्रबंधन, चयन विवाद — ये सब बड़े दबाव के हिस्से हैं। गिल को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह खिलाड़ियों से संवाद बनाए रखें, स्वतंत्रता और अनुशासन बीच संतुलन बनायें, और हर मैच में टीम की मानसिकता सकारात्मक हो।यदि गिल ने शुरुआत में दबाव झेले और जीत के साथ पारी की शुरुआत की, तो भारतीय जनता और क्रिकेट समुदाय की नजर उन पर और गहरी हो जाएगी। इस कप्तानी निर्णय की सफलता भारतीय क्रिकेट के अगले दशक की दिशा तय कर सकती है।