विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में उछाल: भारत को मिली बड़ी कामयाबी

बेख़ौफ़ किरण
2 Min Read

2025 की तीसरी तिमाही के आंकड़ों ने भारत को एक महत्वपूर्ण आर्थिक सफलता दी है — विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में करीब 25% की वृद्धि दर्ज हुई। इस वृद्धि का श्रेय दी जाती है ‘मेक इन इंडिया’ नीति, बेहतर लॉजिस्टिक्स नेटवर्क, और विनियामक सुधारों को।विशेष रूप से तकनीकी और ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश की लहर रही। कई बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने नवीनतम संयंत्र स्थापित करने और भारत में अनुसंधान एवं विकास केन्द्र खोलने की घोषणा की है। इसने ना सिर्फ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, बल्कि नौकरियों, कौशल विकास और टेक्नोलॉजी हस्तांतरण को भी बढ़ावा दिया है।सरकार ने निवेशकों को आसान लाइसेंसिंग, कर छूट, और ज़मीन आवंटन में प्राथमिकता दी है। साथ ही, डिजिटल भारत पहल ने प्रक्रियाओं को पारदर्शी और समयबद्ध बनाया है। निवेशकों को अब कई मंज़ूरी ऑनलाइन मिलने लगी हैं — इससे समय और लागत दोनों में कमी आई है।क्रमशः, राज्य सरकारों ने विनिर्माण क्लस्टर और लॉजिस्टिक हब विकसित किए हैं — जैसे गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) का एकीकरण और सड़क-रेल नेटवर्क विस्तार। इन पहलुओं ने भारत की अंतर्देशीय पहुँच को बेहतर किया, जिससे कच्चे माल की परिवहन लागत कम हुई और निर्यात प्रवृत्ति मजबूत हुई।लेकिन चुनौतियाँ बाकी हैं। ऊर्जा लागत, भूखंड उपलब्धता, और कौशलों की कमी अभी भी बाधक हैं। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि यदि इन क्षेत्रों में सुधार हो जाए, तो भारत आसियान, दक्षिण एशिया और अफ्रीका के देशों के साथ अधिक व्यापार संबंधों को विकसित कर सकता है।इस वृद्धि के साथ भारत वैश्विक निवेश मानचित्र पर और अधिक प्रतिष्ठित हो रहा है — और यदि यह रुझान बना रहे, तो अगले पाँच वर्षों में भारत निवेशित पूँजी के मामले में शीर्ष दस देशों में शामिल हो सकता है।

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *