https://drive.google.com/file/d/1wG9JEDNNTaiuCQjI1774bwgzAiY7GaHW/view?usp=drivesdk
भारत की वित्तीय खुफिया इकाई (FIU-IND) ने हाल ही में २५ विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों को नोटिस जारी किए हैं, जिन पर मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA) का पालन न करने का आरोप है। इनमें कई प्रसिद्ध नाम जैसे BingX, LBank और CoinW शामिल हैं। सरकार ने साफ़ कहा है कि यदि ये कंपनियाँ आवश्यक दस्तावेज़ और डेटा उपलब्ध नहीं करातीं तो उन्हें भारतीय ग्राहकों को सेवा देना बंद करना होगा।यह पहली बार नहीं है जब भारत ने क्रिप्टो पर सख़्त रुख़ अपनाया है। पिछले दो वर्षों में कर चोरी और संदिग्ध लेनदेन के मामले बढ़ने के बाद, सरकार ने स्पष्ट किया है कि क्रिप्टो बाज़ार को “नियंत्रण मुक्त जुआ” की तरह नहीं चलने दिया जाएगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस कदम से एक ओर निवेशकों को सुरक्षा का भरोसा मिलेगा, दूसरी ओर नवाचार पर भी असर पड़ सकता है।भारत में अनुमानतः १५ से २० मिलियन सक्रिय क्रिप्टो निवेशक हैं। इनमें से बड़ी संख्या युवा वर्ग की है, जो बिटकॉइन, एथेरियम और नई टोकन परियोजनाओं में निवेश कर रहे हैं। लेकिन कई बार एक्सचेंजों द्वारा ग्राहक पहचान (KYC) पूरी तरह न की जाने से मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा बढ़ जाता है। FIU-IND का कहना है कि यदि क्रिप्टो उद्योग भारत में टिकना चाहता है, तो उसे पारंपरिक वित्तीय संस्थानों जैसी जवाबदेही अपनानी होगी।सरकार का इरादा है कि आने वाले बजट सत्र में क्रिप्टो विनियमन बिल फिर से पेश किया जाए। इस बिल में टैक्स, लाइसेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम से जुड़े प्रावधान शामिल होंगे। उद्योग संगठन इस पर मिश्रित प्रतिक्रिया दे रहे हैं — कुछ का मानना है कि नियम स्पष्ट होंगे तो निवेश बढ़ेगा, जबकि अन्य को डर है कि कड़े नियमों से छोटे स्टार्टअप बाहर हो जाएँगे।